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शिव तत्त्व विचार

शिवतत्व तो एक है ही है- ‘एकमेवाद्वितीयं ब्रह्मा’, उस अद्वय-तत्व के अतिरिक्त और कुछ है ही नहीं- ‘एकमेव सत्। नेह नानास्ति किंचन।’ किन्तु उस अद्वय...
देवों में देव महादेव सदाशिव भी हैं। प्रलय का अवसान होने पर पुन: सृष्टि के प्रारंभ पूर्व जब परब्रह्म सृष्टयुन्यमुख होते हैं, तब वे परमेश्वर(परात्पर)...
वेदों मे शिवोपासना ‘जब प्रलयरूप समाधि मे न दिन था न रात्रि थी, न कार्य-कारण ही था, तब सब प्रकार के आवरण से रहित तुरीयस्वरूप एक शिव ही था।’ जब सब...
शिव शब्द का अर्थ है कल्याण और ‘शं का भी अर्थ है कल्याण तथा ‘कर का अर्थ है करने वाला, अर्थात शंकर। शिव, अद्वैत कल्याण, आनंद- ये सारे शब्द एक ही अर्थ...
लिंग पुराण में  शिव अविनाशी, परब्रह्मा, निर्दोष, सर्वसृष्टि के स्वामी, निर्गुण, अलख, ईश्वरों के भी ईश्वर, सर्वश्रेष्ठ, विश्वम्भर और सृष्टि के...
शिव ही जगदगुरु  हैं श्रीशिव के प्रति असंख्य प्राणियों की अगाध श्रद्धा इस बात का स्वतः ही परिचायक है कि वह समस्त कल्याण कारी व जगत पूजनीय हैं।...
आनंदमय स्वरूपधारी शिव समस्त जग के कल्याणरूप शिवतत्व हैं। परात्पर सच्चिदानन्द परमेश्वर शिव एक हैं, विश्वातीत हैं और विश्वमय भी हैं। वे गुणातीत हैं,...
शंकर जी को जप करते देख पार्वती को आश्चर्य हुआ कि देवों के देव , महादेव भला किसका जप कर रहे हैं। पूछने पर महादेव ने कहा , ' विष्णुसहस्त्रनाम का। '...

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शिवतत्व तो एक है ही है- ‘एकमेवाद्वितीयं ब्रह्मा’, उस अद्वय-तत्व के अतिरिक्त और कुछ है ही नहीं- ‘एकमेव सत्। नेह नानास्ति किंचन।’ किन्तु उस अद्वय...
Lord Shiva and Nandi are inseparable. Nandi, also called Nandikeshvara and Nandishvara, is the name of the gate keeper of Kailasa, the abode of...
Shiva was originally known as Rudra, a minor deity addressed only three times in the Rig Veda. He gained importance after absorbing some of the...