Tag : लिंगपुराण
लिंग पुराण में शिव अविनाशी, परब्रह्मा, निर्दोष, सर्वसृष्टि के स्वामी, निर्गुण, अलख, ईश्वरों के भी ईश्वर, सर्वश्रेष्ठ, विश्वम्भर और सृष्टि के स्रष्टा, पालक व संहारकर्ता है। वे परब्रह्मा, परमात्मा आरै परज्योति हैं। विष्णु और ब्रह्मा उनसे पैदा हुए हैं। समस्त सृष्टि के आदि कारण शिव ही हैं। सभी भगवानों की पूजा मूर्ति के रूप में की जाती है, लेकिन भगवान शिव ही है जिनकी पूजा लिंग के रूप में होती है।
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